ये खुदा तू बता,
मेरी परेशानियों का सबब क्या है ?
मुझे तेरी रहमत,
हासिल ना हुई वजह क्या है ?
मेरी इबादत हुआ बेअसर,
बता तेरी रज़ा क्या है ?
गर मैं हूँ तेरा गुनाहगार,
तू ही बता मेरी सजा क्या है ?
मुकेश गिरि गोस्वामी : हृदयगाथा मन की बातें
जब लिखने बैठता हूँ, तस्वीर तेरी आँखों में छा जाती है! किताबों में दफ़न फूलों से अब तलक तेरी खुशबु आती है!!