तुझे भूल पाना मुमकिन नहीं,
तुम भूल जाओ तो हक़ है तुमको!
जुदाई की कल्पना भी संभव नहीं मेरे लिए,
तुम छोड़ जाओ तो हक़ है तुमको!
मैंने सांसो में बसा लिया है,
मेरी सांसों को तोड़ जाओ तो हक़ है तुमको!
नैनों में बस गए हो अब तो,
निगाहें चुरा जाओ तो हक़ है तुमको!
मिलने की हसरत है तुमसे,
जुदा हो जाओ तो हक़ है तुमको!
दिल की धडकन बन गई हो,
धडकनों को तोड़ जाओ तो हक़ है तुमको!
मिलता सुकून तुमसे है,
तडपता छोड़ जाओ तो हक़ है तुमको!
मैंने तो मुहब्बत की है,
सितमगर बन जाओ तो हक़ है तुमको!
मुकेश गिरि गोस्वामी : हृदयगाथा : मन की बातें
तुम भूल जाओ तो हक़ है तुमको!
जुदाई की कल्पना भी संभव नहीं मेरे लिए,
तुम छोड़ जाओ तो हक़ है तुमको!
मैंने सांसो में बसा लिया है,
मेरी सांसों को तोड़ जाओ तो हक़ है तुमको!
नैनों में बस गए हो अब तो,
निगाहें चुरा जाओ तो हक़ है तुमको!
मिलने की हसरत है तुमसे,
जुदा हो जाओ तो हक़ है तुमको!
दिल की धडकन बन गई हो,
धडकनों को तोड़ जाओ तो हक़ है तुमको!
मिलता सुकून तुमसे है,
तडपता छोड़ जाओ तो हक़ है तुमको!
मैंने तो मुहब्बत की है,
सितमगर बन जाओ तो हक़ है तुमको!
मुकेश गिरि गोस्वामी : हृदयगाथा : मन की बातें
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (01-10-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
सादर धन्यवाद ...
DeleteBahut achchi rachna !
ReplyDeleteकमल जी नमस्कार ,
Deleteसंभवतः आप प्रथम बार मेरे ब्लॉग में आये हैं .. आशा करता हूँ ये क्रम जारी रहेगा ... रचना आपको अच्छी लगी जिसके लिए आभार व धन्यवाद
mubarak ho mukesh ji.meri taraf se aage ...."दिल तो पहले ही दे चुके तुमको,जान भी आज मांग लो... हक है तुमको "
ReplyDeleteअजय जी ॐ नमो नारायण
Deleteयहाँ आने के लिए धन्यवाद ,,, आपके वक्तव्य की आवश्यकता सदैव रहेगी
तुम अगर भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको ,
ReplyDeleteमेरी बात और है मैंने तो मोहब्बत की है .
तुम अगर आँख चुराओ तो ये हक़ है तुमको, मेरी बात और है मैंने तो मोहब्बत की है .
बढ़िया अश - आर है आपके सभी .
sundar prastuti.
ReplyDeleteनमस्कार
Deleteसादर धन्यवाद एवं आभार !!!
उसे हक है भूल जाने का
ReplyDeleteयाद रखने का हक मुझे है
अपने अपने हक लिये बैठे हैं
ना उसे शक है ना मुझे शक है !
सुशील जी नमस्कार
Deleteहृदयगाथा : मन की बातें में आपका सादर स्वागत है
आप निरंतर हृदयगाथा के पृष्ट पर यात्रा करते रहेंगे इसी आशा और विश्वास के साथ... धन्यवाद
सुन्दर
ReplyDeleteतृप्ति जी नमस्कार
Deleteहृदयगाथा के पृष्ट पर आपका कोटि कोटि स्वागत है...
आभार, सधन्यवाद
badhiya ...bas muhabbat karne vale hi ye kh sakte hain...
ReplyDeleteशारदा जी नमस्कार
Deleteआपके प्रथम आगमन पर कोटि कोटि स्वागत है...
आपके कथन मेरे लिए अनमोल हैं
सादर धन्यवाद
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteThanx to all of you
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