मेरी मुहब्बत, मेरे ख्वाब, मेरा प्यार, इकरार
सिर्फ तुम से है ..
सिर्फ तुम से है ..
स्वीकार कर लो अब कि मेरी दुनिया, संसार
सिर्फ तुम से है ..
किसी और से कैसे पूछें मेरे सवालों के जवाब,
सिर्फ तुम से है ..
तुमको मालूम नहीं जुदाई का दर्द, मेरी तड़फ मेरी फरियाद
सिर्फ तुम से है ..
तुम साथ हो तो जिंदगी जन्नत है, मेरे रिश्ते कि बुनियाद
सिर्फ तुम से है ..
गर टूट जाऊँ,बिखर जाऊँ तो समेंट लेना मुझे मेरी पहचान
सिर्फ तुम से है ..
मेरे खुदा सिर्फ इतना बता दे उससे कि मेरी जान, मेरी शान
सिर्फ तुम से है..
तुम बिन जी ना सकूँगा मेरे दिल की साँस, मेरी धड़कन
सिर्फ तुम से है ..
मुकेश गिरि गोस्वामी : हृदयगाथा मन की बातें
बेहतरीन रचना
ReplyDeleteमोहब्बत तुमसे है...तो हर डोर जुडी तुमसे है....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर!!
अनु
कोमल भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteखुबसूरत अल्फाजों में पिरोये जज़्बात....शानदार |
ReplyDeleteThank you sushma ji
Deleteसादर धन्यवाद !!
ReplyDeleteबहुत सुंदर शब्द रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर शब्द रचना
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