Saturday, October 17, 2020

क्या फ़ायदा ...

 क्या फ़ायदा हुआ

मगरूर-ऐ-हुस्न का

बस जलता हुआ

धुआँ है बुझते चिराग का



तुम होने नही दोगी ...

 भूल जाये तु मुझे ऐसा तो

कभी होगा नही

तुझे मैं भूल जाऊं ऐसा तो

तुम होने नही दोगी

तमन्ना है गर मौत आये तो

तेरी बाहों में आये

वादा करो तुम वर्ना ऐसे तो

सोने नही दोगी




तेरे पास हूँ मैं ...

तेरे हर शब्द का 
अहसास हूँ मैं
तु कहे ना कहे
तेरे लिए खास हूँ मैं
तु रहे दूर कही भी
इस कयानात में
हर लम्हे हर क्षण 
तेरे पास हूँ मैं