Sunday, October 20, 2019

कुछ देर पहले...

कुछ देर पहले तुमको
देखा था ख्यालो में तुम ही तो थी
हाँ, कुछ देर पहले ही तो
तुम्हारी जुल्फ़े लहराई तो थी
हाँ, कुछ देर पहले ही तो
पिताम्बर साड़ी में चमचमाता चेहरा
हाँ, गुज़रा तो था मेरे करीब से
हाँ, कुछ देर पहले ही तो
नजरें क्षण भर टकराई तो थी
हाँ, तब स्नेहवश गालों पे
गुलाबी रंग शरमाई तो थी
हाँ, कुछ देर पहले ही तो


हो गुमशुदा...

हो गुमशुदा अब
ना ख़बर है ना कोई पाती
दिल तेरी यादो से अब
बन बैठा है जस्बाती
तुम सखीयों संग बैठ 
ना जाने क्या गोठियाती
चले आओ पुरानी यादें
अब गीत मिलन की है गाती


हमारी तरह क्या...

हमारी तरह क्या
तुम भी इन्तिज़ार में रहती हो
हमारी तरह विरह की पीडा भी
क्या सहती हो
हमारी तरह क्या सखियो संग
बातें दिल की कहती हो
जीने मरने की कशिश में
क्या हमारी तरह बहती हो
हमारी तरह क्या
तुम भी दर्द-ऐ-दास्तान लिखती हो
हमारी तरह क्या
तुम भी जिंदगी से सिखती हो