Tuesday, July 9, 2019

कोई वजह तो होगी...


कोई वजह तो होगी तेरी बेवफ़ाई का
कोई वजह तो होगी तेरी रुस्वाई का
कोई वजह तो होगी तेरी तन्हाई का
कोई वजह तो होगी तेरी बेरुखवाई का
कोई वजह तो होगी तेरी रहनुमाई का

जीवन कोई खेल नही...

जीवन कोई खेल नही
तेरा मेरा कोई मेल नही

जीवन कोई खेल नही
इसमे जो फ़न्से तो बेल नही

जीवन कोई खेल नही
बेवफ़ाई पर कोई जेल नही

जीवन कोई खेल नही
दिल का सौदा करना सेल नही


तुझको रश्क मुझसे आज भी है...


दिल नहीं मानता कि 
तु धोकेबाज़ भी है
लगता तुझको इश्क़
मुझसे आज भी है
तेरे हर अल्फ़ाज़ मे
दर्द और साज़ भी है
लगता तुझको रश्क
मुझसे आज भी है

दिल नहीं लग रहा...


दिल नहीं लग रहा
तेरी कोई ख़बर नहीं अब तलक
दिल नहीं लग रहा
तेरी ही यादें है जमी से फ़लक
दिल नहीं लग रहा
तेरी सुरत नज़र नहीं अब तलक 
दिल नहीं लग रहा
आजा दिखला अब अपनी झलक

तुम भी चुप रहे...


अश्क़ आंखों से रिश्ते रहे और
तुम भी चुप रहे
दर्द दिल मे होता रहा और
तुम भी चुप रहे
जुदाई होती रही हमारी और
तुम भी चुप रहे
इश्क़ बढ़ता रहा दर्मियान और
तुम भी चुप रहे
तडफ़ता रहा तेरी झलक पाने और
तुम भी चुप रहे

तुम्हारा ना हो पाया...

वो इश्क़ किस काम का
वो जिन्दगी किस काम का
जो तुम्हारा ना हो पाया


जो तुम्हारा ना हो पाया
वो वेदना किस काम का
वो भेदना किस काम का
जो तुम्हारा ना हो पाया

वो सुहानी खुशबू...


तेरे जिस्म कि वो सुहानी खुशबू
अब तलक मेरे साँसो में बसी है
तेरे लबों कि वो लालिम
अब तलक मेरे आँखो में बसी है
तेरे वो खनकती हँसी खिलखिलाना
मेरे कानो में सजी है
तेरे वो धड़कते दिल कि साज़
अब तलक मेरे दिल में धड़क रही है


पलको में आबाद आज भी है...

आज भी तेरे हाँथ बने चाय का इन्तिज़ार है
तेरे अपनेपन वाले साँथ का इन्तिज़ार आज भी है
आज भी यकिनन तु भी तरसती है
हमारे वो लम्हे जो पलको में आबाद आज भी है