क्या फ़ायदा हुआ
मगरूर-ऐ-हुस्न का
बस जलता हुआ
धुआँ है बुझते चिराग का
जब लिखने बैठता हूँ, तस्वीर तेरी आँखों में छा जाती है! किताबों में दफ़न फूलों से अब तलक तेरी खुशबु आती है!!
भूल जाये तु मुझे ऐसा तो
कभी होगा नही
तुझे मैं भूल जाऊं ऐसा तो
तुम होने नही दोगी
तमन्ना है गर मौत आये तो
तेरी बाहों में आये
वादा करो तुम वर्ना ऐसे तो
सोने नही दोगी
याद है, तुमने पुछा था
कि मैं तुम्हें जानती नहीं तो
दोस्ती कैसी हो सकती है
मेरा जवाब था,
हर दोस्त पहली मुलाकात में
अजनबी ही होता है
काली जुल्फों को यू बिखराया ना करो
गर बिखर जाये तो संवारा ना करो
यूँ तन्हाई में गुज़र रहा है जीवन हमारा
कभी दिल से पुकारा तो करो
कुर्बान दिलो जान तेरी मुस्कुराहट के लिए
कभी खुल के आजमाया तो करो
खींचे चले आएंगे तेरी सांसो की कसक से
कभी धड़कनो को बढ़ाया तो करो
तेरे आंखों की काजल से घटा छा गई है
कभी बारिश भी कराया करो
रंजो गम तो जिंदगी का फ़लसफ़ा है
यूँ दिल की आरजू को दबाया ना करो
दुःख में ख़ुशी की
वजह बनता है
तेरा साथ
दर्द में राहत की
वजह बनता है
तेरा साथ
जब कुछ भी
अच्छा नहीं लगता
दुनिया में
तब जीने की
वजह बनता है
तेरा साथ
लौटोगे नही अब हमारी उन पुरानी यादो में
लौट के देख लो शायद आशिक़ी पसंद आये
पुकार लो ना अब हमारे उन पुराने नामों में
सुन के देख लो शायद मौशिक़ी पसंद आये
साहिल पे खड़े होकर
सागर को लल्कारा ना करो
ऐसे प्यार से ऐतबार से
हमको पुकारा ना करो
बिखरे हैं जुल्फ़े तेरी
इसे अब संवारा ना करो
जय हो सदा हमारी हिन्द की सदा विजय हो
शत्रुओ में सदैव भय हृदय में सदा प्रलय हो
सोच हमारी देशहित और भाव सदा देशमय हो
तिरंगा ध्वज लहराये सदा हिन्द कि विश्वविजय हो
हम में शौर्य छल्के और सदभाव कि सदा लय हो
जय है अखण्ड भारत की हिन्द की सदा जय हो
चाहते तो सभी है तेरा हो जाना
मन कि आरज़ु भी फ़ना हो जाना
चाहते तो सभी है तेरा साथ पाना
दूर हो तुम फ़िर भी साथ पाया
चाहते तो सभी है तेरा बन जाना
तु बनी है सिर्फ़ मेरे लिए दिल ने माना