Tuesday, September 24, 2019

तुम क्या जानो...

फ़ल्सफ़ा-ऐ-जुदाई
तुम क्या जानो
मुहब्बत-ऐ-खुदाई 
तुम क्या जानो
ईश्क़-ऐ-रहनुमाई
तुम क्या जानो
दिल-ऐ-तड़फ़ाई
तुम क्या जानो
रिश्ता-ऐ-सच्चाई



Saturday, September 14, 2019

जिंदगी गुलज़ार है...

जिंदगी गुलज़ार है मुझको तुमसे प्यार है
जिंदगी गुलज़ार है तु ही एक मेरा यार है
जिंदगी गुलज़ार है तेरी बेरुखी मेरे ऊपर वार है
जिंदगी गुलज़ार है तुझपे दिल ज़ार-ज़ार है
जिंदगी गुलज़ार है यही जिंदगी का सार है
जिंदगी गुलज़ार है तभी जीवन साकार है


कोरा कागज़ पूछ रहा है...

कब खेलोगे रंग बिरंगे होली
कोरा कागज़ पूछ रहा है
कब लिखेंगे प्रेम की बोली
कोरा कागज़ पूछ रहा है
कब छलकेंगे शब्दों की स्याही
कोरा कागज़ पूछ रहा है
कब विराजेंगे मुझ पर अक्षर शाही
कोरा कागज़ पूछ रहा है
कब बयाँ होंगे अपने बिछुड़न कहानी
कोरा कागज़ पूछ रहा है
कब आएंगे लिख खबर मिलन सुहानी
हाँ... कोरा कागज़ पूछ रहा है

तेरे आँखो की बारी है...

सुन लो अगर गहराई है
तेरे डबडबाई आंखों में
तो आजा डूबा दे मुझे
समंदर तो हार बैठा है 
अब तेरे आँखो की बारी है
डूब जाऊ उसमे मेरी तैयारी है