तूने हरदम दिल दुखाया परेशान किया वक्त बित गया तुझे समझाने का ।
सम्हाल जा अब वक्त आ गया है तेरे अंजाम तक तुझे पहुंचाने का ।
जब लिखने बैठता हूँ, तस्वीर तेरी आँखों में छा जाती है! किताबों में दफ़न फूलों से अब तलक तेरी खुशबु आती है!!
तूने हरदम दिल दुखाया परेशान किया वक्त बित गया तुझे समझाने का ।
सम्हाल जा अब वक्त आ गया है तेरे अंजाम तक तुझे पहुंचाने का ।
उड़ने तो दो मिट्टी को आसमान की ऊंचाइयों पे आखिर कब तक उड़ेगी,
हवाये जब साथ न चलेगी तो धरती पर आ गिरेगी ।
जो डरने लगे अपने निदंको से वो जीवन में कुछ कर नही सकते,
यात्रा जितना कठिन होगा, लक्ष्य उतना ही लाजवाब होगा।।
मुकेश गिरि गोस्वामी : हृदयगाथा मन की बातें...
चौपाई किसके लिए लिखे अब भाई ।
दोहे पढ़ने वालों की आकाल जो आई ।।
लिखते थे जिसके यादों रहनुमाई में होके तन्हा ।
भूल बैठे हैं कद्रदा हमारे, अपने जमीर करके नन्हा ।।
बैठे हैं हम आपकी यादों के थपेड़े झेलते हुए।
आप थकी नही हमारे जस्बातों से खेलते हुए।।
मुकेश गिरि गोस्वामी
हृदयगाथा मन की बातें
Hridayagatha : Man ki Baten हृदयगाथा : मन की बातें...
इस तरहा ना कर तु घमंड, इतनी छोटी सी जीत का,
नामो निशान मिट गया है, दुनिया जितने वालों का ।
#hridayagath
वैसे तो मुक्कमल हो जाती जिंदगी.....
बस एक तुम और तेरी कमी रह गई.....
मुकेश गिरि गोस्वामी हृदयगाथा मन की बातें