Sunday, April 28, 2019

नदी के दो किनारे हम...

नदी के दो किनारे हम...
तुम किसी की और तुम्हारे हम

नदी के दो किनारे हम...
तुम दिल और धड़कन हम

नदी के दो किनारे हम...
तुम इश्क़ और जूनून हम

नदी के दो किनारे हम...
बेवफ़ा तुम और वफ़ा के सहारे हम

चुपचाप गुज़र जाओ...

चुपचाप गुज़र जाओ, तुम अखियाँ मिलाते
चुपचाप गुज़र जाओ, अपनी खुश्बू बिखेरते
चुपचाप गुज़र जाओ, धड़कनो से ताल मिलाते
चुपचाप गुज़र जाओ, तुम मद्धम मुस्काते
चुपचाप गुज़र जाओ, अपना दर्द बयाँ करते
चुपचाप गुज़र जाओ, फिर कब गुज़रोगे बताते
चुपचाप गुज़र जाओ, जमाने से नज़रे चुराते

नही लिख सके ...

नही लिख सके 
पाती प्रीत की तुमको ना लिख सके प्रेम पत्र
तुमसे जुदा करने चलाये लोगों ने अनेकों शस्त्र

नही लिख सके
गीत प्रेम के तुम्हें ना शब्द संवेदनशील
मरने के बाद ताबूत में बैरी ठोकेंगे अनेकों कील

नही लिख सके
तुम्हारे विरह की वेदना ना अपने दर्द के आलाप
तुमको भड़काने लोग करते रहे अनेकों क्रियाकलाप


Friday, April 5, 2019

जरुरत से ज्यादा...

जरुरत से ज्यादा
इश्क़ होता है बुरा
जरुरत से ज्यादा
मुहब्बत होती है सजा

जरुरत से ज्यादा
हसरत होता है बुरा
जरुरत से ज्यादा
वफ़ा में मिलती है सज़ा

Thursday, April 4, 2019

हमारे दरमियाँ ...

हमारे दरमियाँ - ये कुंवा ये खाई
हमारे दरमियाँ - इश्क़ में जग हंसाई
हमारे दरमियाँ - अमीरी गरीबी आई
हमारे दरमियाँ - तड़फ बेवफ़ाई
हमारे दरमियाँ - ये दर्द रुस्वाईयां
हमारे दरमियाँ - मुहब्बत जिंदगीयां
हमारे दरमियाँ - ख़ुदा की बन्दगियां

एक मौका सभी को मिलता है

एक मौका सभी को मिलता है
इश्क़ को पाने के लिए
एक मौका सभी को मिलता है
इश्क़ में जीने मर जाने के लिए
एक मौका सभी को मिलता है
घर संसार बसाने के लिए
एक मौका सभी को मिलता है
टूट के बिखर जाने के लिए
एक मौका सभी को मिलता है
गीत गाने गुनगुनाने के लिए
एक मौका सभी को मिलता है
उलझे रिश्ते सुलझाने के लिए
एक मौका सभी को मिलता है
ग़म दुख मिटाने के लिए