उड़ने तो दो मिट्टी को आसमान की ऊंचाइयों पे आखिर कब तक उड़ेगी,
हवाये जब साथ न चलेगी तो धरती पर आ गिरेगी ।
जो डरने लगे अपने निदंको से वो जीवन में कुछ कर नही सकते,
यात्रा जितना कठिन होगा, लक्ष्य उतना ही लाजवाब होगा।।
मुकेश गिरि गोस्वामी : हृदयगाथा मन की बातें...
बहुत सुंदर पंक्तियाँ,
ReplyDeleteThanks for your appreciation @madhu
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