जब लिखने बैठता हूँ, तस्वीर तेरी आँखों में छा जाती है! किताबों में दफ़न फूलों से अब तलक तेरी खुशबु आती है!!
वैसे तो मुक्कमल हो जाती जिंदगी.....
बस एक तुम और तेरी कमी रह गई.....
मुकेश गिरि गोस्वामी हृदयगाथा मन की बातें
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