जब लिखने बैठता हूँ, तस्वीर तेरी आँखों में छा जाती है! किताबों में दफ़न फूलों से अब तलक तेरी खुशबु आती है!!
तूने अपनों को तड़फ़ाया, लोगों को अपनों से जुदा करवाया
साल के हर दिन तूने पल पल मृत्यु का अहसास करवाया
कौन अपना कौन पराया जो साथ खड़ा हुआ वो अपना भाया
तूने जब करवट बदली ऐसे अपने लोगों को बना दिया पराया
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