आज कुछ लिखने का मन हो रहा था दिल में कुछ असमंजस कि स्थिति बनी हुई थी.....कविता तो लिखते ही रहता हूँ पर आज कविता लिखने का मन नहीं हो रहा है....खैर .........शुरुवात मैं फेसबुक और ऑरकुट से करना चाहूँगा ..क्यूँ कि वेब कि दुनिया में यही दो नाम है जिसने मुझे आकर्षित किया वर्ना मैं गूगल सर्च से ही अपना काम चला लिया करता था.... मैं धन्यवाद करना चाहूँगा इनकी रचयिताओं का जिन्होंने अनोखा और अद्भुत अविष्कार किया इन्ही के कारण आज हम हजारों नहीं लाखों किलोमीटर दूर बैठे लोगों से जुड़ पायें हैं और अपने आचार-विचार बाँट रहें हैं !जब लिखने बैठता हूँ, तस्वीर तेरी आँखों में छा जाती है! किताबों में दफ़न फूलों से अब तलक तेरी खुशबु आती है!!
Saturday, March 26, 2011
आज कुछ लिखने का मन हो रहा था दिल में कुछ असमंजस कि स्थिति बनी हुई थी.....कविता तो लिखते ही रहता हूँ पर आज कविता लिखने का मन नहीं हो रहा है....खैर .........शुरुवात मैं फेसबुक और ऑरकुट से करना चाहूँगा ..क्यूँ कि वेब कि दुनिया में यही दो नाम है जिसने मुझे आकर्षित किया वर्ना मैं गूगल सर्च से ही अपना काम चला लिया करता था.... मैं धन्यवाद करना चाहूँगा इनकी रचयिताओं का जिन्होंने अनोखा और अद्भुत अविष्कार किया इन्ही के कारण आज हम हजारों नहीं लाखों किलोमीटर दूर बैठे लोगों से जुड़ पायें हैं और अपने आचार-विचार बाँट रहें हैं !
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