Saturday, September 14, 2019

जिंदगी गुलज़ार है...

जिंदगी गुलज़ार है मुझको तुमसे प्यार है
जिंदगी गुलज़ार है तु ही एक मेरा यार है
जिंदगी गुलज़ार है तेरी बेरुखी मेरे ऊपर वार है
जिंदगी गुलज़ार है तुझपे दिल ज़ार-ज़ार है
जिंदगी गुलज़ार है यही जिंदगी का सार है
जिंदगी गुलज़ार है तभी जीवन साकार है


2 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 15 सितंबर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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