तेरी खातिर तो हम दुनिया वालों के लिए बेकार हुए !
प्यास बुझाने के खातिर जहर भी को भी गले उतार गये,
सपने को सच करने कि ललक में सच्चाई को ही मार गये !
जाने क्यूँ नफरत करने वाले ही हमको संवार गये ,
फिर से कुछ लोग मुहब्बत से बन्दे को बिगाड़ गये !
क्या मिल गया उनको जो सपनो कि बगिया उजाड़ गये ,
ना शुकरों ने जिन्दा ही हमें ज़मीन में गाड़ दिये !
फिर लौटा सपनो का सौदागर नई उम्मीदे जागी है ,
उसके शीतल दिल में आग नई कोई जागी है !
चिंता अब उसके मन से कोसों दूर भागी है ,
नव जीवन का उदय हुआ ह्रदय में खुशियाँ लागी है !
प्यास बुझाने के खातिर जहर भी को भी गले उतार गये,
सपने को सच करने कि ललक में सच्चाई को ही मार गये !
जाने क्यूँ नफरत करने वाले ही हमको संवार गये ,
फिर से कुछ लोग मुहब्बत से बन्दे को बिगाड़ गये !
क्या मिल गया उनको जो सपनो कि बगिया उजाड़ गये ,
ना शुकरों ने जिन्दा ही हमें ज़मीन में गाड़ दिये !
फिर लौटा सपनो का सौदागर नई उम्मीदे जागी है ,
उसके शीतल दिल में आग नई कोई जागी है !
चिंता अब उसके मन से कोसों दूर भागी है ,
नव जीवन का उदय हुआ ह्रदय में खुशियाँ लागी है !
जिंदगी कि तलाश में मौत से भी हम दो चार हुए,
ReplyDeleteतेरी खातिर तो हम दुनिया वालों के लिए बेकार हुए
फिर लौटा सपनो का सौदागर नई उम्मीदे जागी है ,
उसके शीतल दिल में आग नई कोई जागी है !
bahot hi dil ko chune wali line hai or saranih hai
bus aise likhte rahiye taki hame aise hi padne mile
Thank you Vrushali
Delete