कब तक भारत माँ भ्रष्टाचार के धुएं में घुटती रहेगी
कब तक सज्जनों कि लुट्या डूबती रहेगी
कब तक हम अपने आक्रोश को दमन करते रहेंगे
कब तक ज़ुल्म इन गद्दारों का सहते रहेंगे
कब तक खून-पसीने कि कमाई उनके जेब में भरते रहेंगे
कब तक हम मजहब-जातिवाद में आकर लड़ते रहेंगे
भ्रष्टाचारी ग़र हम नहीं हैं तो ये बीमारी जड़ से उखाड़नी चाहिए
अब वक्त का तकाज़ा है, ऐसी अमरबेल नहीं फलनी चाहिए
अब तो सूरत-ए-हिंदुस्तान बदलनी चाहिए
हमें एक और आज़ादी कि जंग लड़नी चाहिए
श्री अन्ना हजारे और श्री रामदेव बाबा के प्रेरणा से लिखा गया है !उन्हें कोटि-कोटि धन्यवाद
कब तक सज्जनों कि लुट्या डूबती रहेगी
कब तक हम अपने आक्रोश को दमन करते रहेंगे
कब तक ज़ुल्म इन गद्दारों का सहते रहेंगे
कब तक खून-पसीने कि कमाई उनके जेब में भरते रहेंगे
कब तक हम मजहब-जातिवाद में आकर लड़ते रहेंगे
भ्रष्टाचारी ग़र हम नहीं हैं तो ये बीमारी जड़ से उखाड़नी चाहिए
अब वक्त का तकाज़ा है, ऐसी अमरबेल नहीं फलनी चाहिए
अब तो सूरत-ए-हिंदुस्तान बदलनी चाहिए
हमें एक और आज़ादी कि जंग लड़नी चाहिए
श्री अन्ना हजारे और श्री रामदेव बाबा के प्रेरणा से लिखा गया है !उन्हें कोटि-कोटि धन्यवाद
....काबिले तारीफ़ हैं ये भावनाएं आपकी
ReplyDeleteछोडनी होंगीं हमें सब आदतें विलाप की
जंग आज़ादी की लडनी भी पड़े तो फ़िक्र क्या
पर वो आज़ादी आज़ादी सी लगनी चाहिए....
mukesh ji mera blog hai " merekhayaal-ajay.blogspot.in" .kabhi waqt mile to dekhen ke liye swagat hai aapka.
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