जब लिखने बैठता हूँ, तस्वीर तेरी आँखों में छा जाती है!
किताबों में दफ़न फूलों से अब तलक तेरी खुशबु आती है!!
Thursday, August 16, 2012
ये खुदा .....
ये खुदा तू बता, मेरी परेशानियों का सबब क्या है ? मुझे तेरी रहमत, हासिल ना हुई वजह क्या है ? मेरी इबादत हुआ बेअसर, बता तेरी रज़ा क्या है ? गर मैं हूँ तेरा गुनाहगार, तू ही बता मेरी सजा क्या है ?
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteइस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (18-08-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
बहुत प्यारी रचना...
ReplyDeleteऐसे प्रश्न सभी के मन में उठते हैं अकसर...
अनु
बहुत प्यारी रचना..
ReplyDeleteसुंदर !
ReplyDeleteकभी कभी लगने लगता है ऎसा भी
पता करता नहीं है तो खुदा करता क्या है?