तेरा मुझसे मिलना इत्तेफ़ाक था,
तुम से बिछड़ने का डर भी इत्तेफ़ाक है
तेरे साथ बिताया लम्हा भी इत्तेफ़ाक था,
तुमसे दूर रहने का गम भी इत्तेफ़ाक है
तेरी निगाहों में डूब जाना इत्तेफ़ाक था,
तेरी नज़रों से ओझल हो जाना भी इत्तेफ़ाक है
तेरी बातों में खो जाना इत्तेफ़ाक था
तेरी बातों में रो जाना भी इत्तेफ़ाक है
तेरी वो बेरुखी तो इत्तेफ़ाक था
तेरी मुहब्बत भी क्या इत्तेफ़ाक है
हृदयगाथा : मन की बातें
प्यार में बेरुखी और धोखा मिलना...ये नियति का चक्र है
ReplyDeleteNICE ONE
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