आँखों में अश्क दिए है....
क्यूँ कर रहा हूँ मैं तुमसे अब भी प्यार
तुमने तडफाया,
तुमने दिल तोडा
तुमने रुलाया मेरी आँखों में अश्क दीये है
अब और कैसे भरोसा करूँ
अब कैसे मुस्कुराऊँ
तुमने जिंदगी से खुशियों को मिटा दिये है
मुझे तन्हा कर दिया
मुझको छोड़ दिया, दिल तोड़ दिये है
फिर भी
मैं तुमसे मुहब्बत करता हूँ
क्या मैं गुनाहगार हूँ ...?
मुकेश गिरि गोस्वामी "हृदयगाथा" : मन की बातें
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