जब लिखने बैठता हूँ, तस्वीर तेरी आँखों में छा जाती है!
किताबों में दफ़न फूलों से अब तलक तेरी खुशबु आती है!!
Monday, May 5, 2014
जिंदगी संवार जायेगा
तेरीबेरुखीसे दिलटूटबिखरजायेगा... झूठहीसहींकहदे मुहब्बतहैजिंदगीसंवारजायेगा ! तेरी बेवफाई से मन डूब फ़िकर में जायेगा झूठ ही सहीं कह दे कोई वो बेवफा नहीं बंदगी संवारजायेगा !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। -- आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (05-05-2014) को "खो गई मिट्टी की महक" (चर्चा मंच-1604) पर भी होगी! -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (05-05-2014) को "खो गई मिट्टी की महक" (चर्चा मंच-1604) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'