Tuesday, July 9, 2019

पलको में आबाद आज भी है...

आज भी तेरे हाँथ बने चाय का इन्तिज़ार है
तेरे अपनेपन वाले साँथ का इन्तिज़ार आज भी है
आज भी यकिनन तु भी तरसती है
हमारे वो लम्हे जो पलको में आबाद आज भी है


No comments:

Post a Comment