तुम्हे मुहब्बत सी हो गई है, सोच लो
अभी भी कुछ नही बिगड़ा है ...
तुम मेरी यादों में खो गयी हो, जाग जाओ
अभी भी कुछ नही बिगड़ा है ...
जान लुटाने को बेताब हो क्यूँ, जान लो
अभी भी कुछ नही बिगड़ा है ...
दुश्मन बना लिया ज़माने को तुमने, सोच लो
अभी भी कुछ नही बिगड़ा है ...
No comments:
Post a Comment