Tuesday, March 26, 2019

बिखरी हुई जुल्फों ...


क्यूँ उलझी हुई है लटें मेरी जुल्फों के,
बिखरी हुई जुल्फों को कभी संवारा भी करो 
मिट जाएंगे तेरी एक झलक पाने के लिए,
कभी दिल से हमको पुकारो भी करो 

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