जब लिखने बैठता हूँ, तस्वीर तेरी आँखों में छा जाती है! किताबों में दफ़न फूलों से अब तलक तेरी खुशबु आती है!!
साहिल पे खड़े होकर
सागर को लल्कारा ना करो
ऐसे प्यार से ऐतबार से
हमको पुकारा ना करो
बिखरे हैं जुल्फ़े तेरी
इसे अब संवारा ना करो
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