Friday, September 4, 2020

काली जुल्फों को यू बिखराया ना करो...

 काली जुल्फों को यू बिखराया ना करो

गर बिखर जाये तो संवारा ना करो

यूँ तन्हाई में गुज़र रहा है जीवन हमारा

कभी दिल से पुकारा तो करो

कुर्बान दिलो जान तेरी मुस्कुराहट के लिए

कभी खुल के आजमाया तो करो

खींचे चले आएंगे तेरी सांसो की कसक से

कभी धड़कनो को बढ़ाया तो करो

तेरे आंखों की काजल से घटा छा गई है

कभी  बारिश भी कराया करो

रंजो गम तो जिंदगी का फ़लसफ़ा है

यूँ दिल की आरजू को दबाया ना करो




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