जब लिखने बैठता हूँ, तस्वीर तेरी आँखों में छा जाती है! किताबों में दफ़न फूलों से अब तलक तेरी खुशबु आती है!!
जब से सूरत देखी तेरी
ना भाया किसी और का मुखड़ा
तुझे खोने का है गहरा ग़म
किसे सुनाए अपना दुखड़ा
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